भोले बाबा के ढोलक वाले भजन लिरिक्स
“भोले बाबा के भजन लिरिक्स“– गीतों के बोल यह शब्द ही काफी है जो हमें एक आध्यात्मिक संगीत की तरफ़ खींचता है जो हमारे अंतरात्मा की गहराइयों तक पहुँचता है। भगवान शिव के इन भजनों के बोल न केवल एक साधना के सवाल हैं, बल्कि ये हमारी आदर्श और प्रेम की अद्वितीय अभिव्यक्ति हैं, जो मनुष्य को दिव्य से जोड़ती हैं।
जब हम भगवान शिव की भक्ति की बात करते हैं, तो भजन गाने का महत्वपूर्ण स्थान होता है। भोले बाबा के भजन उनके श्रद्धालुओं को भगवान शिव के प्रति अपनी अद्वितीय भक्ति का अभिवादन करने का एक रास्ता प्रदान करते हैं। यह गीत उनके आदर्शों और मार्गदर्शन को सुनाते हैं जो हमें अपने जीवन को संयमित और ध्यानमय बनाने की प्रेरणा देते हैं।
6 best Bhole Baba Ke Bhajan Lyrics
अब हम आपको बताएंगे 6 सर्वोत्तम भोले बाबा के भजन गीत जिनके बोल आपके दिल को छू लेंगे और आपको भगवान शिव के प्रति अपनी अद्वितीय भक्ति का अहसास कराएंगे:
1-ढोलक बाज रही मंदिर में हमारो मन शंकर से लाग्यो लिरिक्स
ढोलक बाज रही मंदिर में हमारो मन शंकर से लाग्यो,
ढोलक बाज रही मंदिर में, हमारो मन शंकर से लाग्यो।शंकर से लाग्यो हमारो मन शंकर से लाग्यो।ढोलक बाज रही मंदिर में, हमारो मन शंकर से लाग्यो।
कहां से आए शिव शंकर जी कहां से आए हनुमान। कैलाश से शिव शंकर आए सालासर हनुमान।ढोलक बाज रही मंदिर में, हमारो मन शंकर से लाग्यो।ढोलक बाज रही मंदिर में, हमारो मन शंकर से लाग्यो।
कहां पर उतरे शिव शंकर जी कहां पर यह हनुमान। मंदिर में उतरे शिव शंकर जी चरणों में हनुमान। ढोलक बाज रही मंदिर में, हमारो मन शंकर से लाग्यो।ढोलक बाज रही मंदिर में, हमारो मन शंकर से लाग्यो।
क्या तो पहने सिंह शंकर जी क्या पहने हनुमान। मृग छाला पहने शिव शंकर लाल लंगोटा हनुमान।ढोलक बाज रही मंदिर में, हमारो मन शंकर से लाग्यो।ढोलक बाज रही मंदिर में, हमारो मन शंकर से लाग्यो।
- भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
कीर्तन में हरी कीर्तन में लिरिक्स
शीश भोले के जटा विराजे,
भोले गंगा बहा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में…
संग भोले के गोरा विराजे,
ओ भोले गणपति बुला दो आज हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में…
कान भोले के कुंडल सोहे,
भोले चंदा चमका दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में…
गले भोले के सर्पो की माला,
भोले फुल बरसादो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में…
अंग भोले के मृगछाला सोहे,
भोले भस्मी उड़ा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में…
चरणों में भोले के नंदी विराजे,
भोले घुघरू बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में…
ब्रह्मा को ले लाओ विष्णु को ले लाओ,
भोले दर्श दिखा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
हो भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में…
भोले डमरु बजा दो एक बार हमारे हरी कीर्तन में,
कीर्तन में हरी कीर्तन में…
- पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे भोले तेरे दर्शन को आई रे लिरिक्स
पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे
भोले तेरे दर्शन को आई रे
मै तो जल भर कलशा लायी रे
झाडो में उलझती आई रे
सांप बिच्छु ने एसी डराई रे
मेरी गगरी छलकती आयी रे
पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे
भोले तेरे दर्शन को आई रे
मै तो चन्दन केसर लायी रे
शमशानों को देख घबरायी रे
भुत प्रेतों ने एसी डराई रे
मेरी केसर बिखरती आई रे
पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे
भोले तेरे दर्शन को आई रे
मै तो हार गूँथ कर लायी रे
शिव जी के गले पहनाई रे
भोले ने पलके उठाई रे
शिव गौरा से दर्शन पाई रे
पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे
भोले तेरे दर्शन को आई रे
मै तो भंगिया घोट कर लायी रे
द्वार नंदी को बैठे पायी रे
नंदी ने मोहे समझायी रे
भोले समाधी लगायी रे
पर्वत कि ऊँची चढ़ाई रे
भोले तेरे दर्शन को आई रे
- चिकनी मिट्टी से बनाये भोलेनाथ लिरिक्स
चिकनी मिट्टी से बनाये भोलेनाथ,
चढ़ाऊं लोटा जल भर के,
पहना वचन मांगा मां सीता ने,
मुझे मिली कौशल्या जैसी सास,
ससुर राजा दशरथ से,
चिकनी मिट्टी से बनाये भोलेनाथ,
चढ़ाऊं लोटा जल भर के।
दूसरा वचन माँगा माँ सिया ने,
मुझे मिले भोले जैसे जेठ,
जेठानी गौरा मैया सी,
चिकनी मिट्टी से बनाये भोलेनाथ,
चढ़ाऊँ लोटा जल भर के।
तीसरा वचन माँगा माँ सीता ने,
मुझे मिले पति श्री राम,
देवर लक्ष्मण जैसे,
चिकनी मिट्टी से बनाये भोलेनाथ,
चढ़ाऊँ लोटा जल भर के।
चौथा वचन माँगा माँ सीता ने,
मुझे मिले भक्त हनुमान,
पुत्र अंजनी लाल जैसे,
चिकनी मिट्टी से बनाये भोलेनाथ,
चढ़ाऊँ लोटा जल भर के।
- कैलाश के भोले बाबा ब्याह के लाए पार्वती लिरिक्स
गोटा जी ने हंसकर पूछा जटा में तेरे क्या है जी जटा में मेरे बह रही गंगा खूब नहा लो पार्वती
गोटा जी ने हंसकर पूछा सिर पर तेरे क्या है जी सिर पर मेरे चंद्र विराजे दर्शन कर लो पार्वती
गोटा जी ने हंसकर पूछा गले में तेरे क्या है जी गले में मेरे कंठी माला खूब जपो तुम पार्वती
गोटा जी ने हंसकर पूछा हाथ में तेरे क्या है जी
हाथ में मेरे डमरू बजता खूब बजा लो पार्वती
गोटा जी ने हंसकर पूछा गोद में तेरे क्या है जी गोद में मेरे गणपति लाला खूब खिलाओ पार्वती
गोटा जी ने हंसकर पूछा संग में तेरे क्या है जी संग में मेरे नंदी बाबा खूब घूम लो पार्वती
- छोड़ दे ओ भोले बाबा छोड़ दे लिरिक्स
छोड़ दे ओ भोले बाबा छोड़ दे,
इस भांग नशे ने छोड़ दे..
एक दिना में गई थी लक्ष्मी धोरे बैठन को,
छिरसागर में विष्णु लेटे लक्ष्मी पैर दबाती थी,
बोली यू लक्ष्मी हंसकर मेरे ताना मारा कस के..
आजा वेवे पार्वती तने पीढ़े पर बैठाऊगी,
तेरे धोरे खाट को ना सेज पे सुलाऊंगी,
बोली यू लक्ष्मी हंसके मेरे ताना मारा कस के..
आजा बेबे पार्वती तने अपना महल दिखाऊंगी,
तेरे धोरे कुछ भी कोना सारे में घूमाऊंगी,
देख ले ऊपर चढ़के मेरे ताना मारा कस के.
आजा बेबे पार्वती तने अपनी टूम दिखाऊंगी,
तेरे धोरे कुछ भी कोना सारा तुझे पहनाऊंगी,
देख ले सज और धज के मेरे ताना मारा कस के
आजा बेबे पार्वती तने अपना खजाना दिखाऊंगी,
तेरे धोरे कुछ भी कोना ताला खोल दिखाऊंगी,
ले जा तू झोली भर के मेरे ताना मारा कस के.
इसी तरह की और भी लिरिक्स पड़ने, सुनने और देखने के किए यह क्लिक करे LyricsWisdom.com