जय श्री कृष्णा! आपका स्वागत है इस खास ब्लॉग पोस्ट में, जहां हम बात करने जा रहे हैं “कृष्णा भजन लिरिक्स” के बारे में। यहाँ हम देखेंगे कि कृष्णा भजन लिरिक्स क्यों न केवल आत्मा को शांति प्रदान करते हैं, बल्कि उनमें छिपी अद्वितीयता और सुंदरता कैसे हमारे जीवन को भर देती है।
Krishna Bhajan Lyrics in Hindi Language
तर्ज- आय जइयो श्याम
तेरी सूरत पर बलिहारी कान्हा आके झलक दिखाय जइयो।
मथुरा में रास रचाय जइयो।
(1) घुघरारी लट सर पर बैना।
कजरारे बड़े-बड़े नैना।।
मोर मुकुट सर बाँध आज मोय अपनौ रूप दिखाय जइयो।
मथुरा में रास रचाय जइयो।।
(2) बाट जोह रही माखन मटकी। गनी
गोपिन साँस अधर में लटकी।
ग्वाल बाल संग में लेकर नैक लूट-लूट दधि खाय जइयो।
मथुरा में रास रचाय जइयो।।
(3) रम्हा रही हैं गउएं वन में।
छलिया कहा सोच लई मन में।
यमुना जल में नहावे गोपी आके चीर चुरा जइयो।
मथुरा में रास रचाय जइयो।।
(4) अपने मन में सोच न पाई।
धारण कर लेगा निठुराई।
रोय-रोय महावीर पछतावै आके धीर बँधाय जइयो।
मथुरा में रास रचाय जइयो।।
Krishna Bhajan Lyrics Filmi Tarj
तर्ज- गम दिये मुसकिल
तुझसे विनती करूँ, पैर तेरे पढूँ, लाज बचा ले।
मोहन अपने गले से लगा ले।
(1) दुष्ट दूसासन खीचे है सारी।
आके लज्जा बचा ले हमारी।
मेरी अस्मत लुटे, भारी जिया घुटे, चीर बढ़ा ले।
मोहन अपने गले से लगा ले
(2) बैठे पाँचौ पती सिर झुकाये।
कोई इससे न मुझको बचाये।
बल को धिक्कार है, नैया मजझार है, दृष्टि गढ़ा ले।।
मोहन अपने गले से लगा ले
(3) सुनता क्यों ना अरज मेरी मोहन ।
आज अबला का होता है दोहन।
लज्जा जाये मेरी, क्यों लगाता देरी, सत जचा ले।
मोहन अपने गले से लगा ले
(4) मुझसे ऐसी हुई क्या खता है।
आकर मुझको तो दो ये बता है।
महावीर शर्मा कहें, ये हर्दपुर रहे, धूम मचा ले।
मोहन अपने गले से लगा ले
Krishna Bhagwan Bhajan Lyrics
तर्ज – चाहे बिक जाए हरौ रुमाल
मन मोहन मदन गोपाल।
मेरी ज्ञान यज्ञ में आय जइयो।।
(1) यहाँ ज्ञान की बह रही गंगा है।
सबकौ मन है रहयो चंगा है।।
मेटौ आय के जंजाल…
(2) सब कह रहे यहाँ पै नर नारी।
अब आ जाओ तुम बनवारी।।
और आयके करौ निहाल….
शैर – भक्ति में भावना की कोई ज्योति जलाके देखिये।
और आ जाते हैं भगवान भाव से बुलाके देखिये।।
(3) त्यारी सूरत पर आयौ मनुआ।
तुम्हें भक्त टेरते हैं कनुआ।।
और मुरली को दिखाओ कमाल…
शैर – त्यारी सूरत पर साँवरिया अच्छे अच्छे मर जाते हैं।
गर कृपा आपकी हो जाये तो पापी भी तर जाते हैं।।
(4) त्यारी सूरत बस रही अखियाँ न मैं।
मैं सो ना पाऊ रतियन मैं।।
परषोत्तम के प्रतिपाल…
Krishna Badhai Bhajan Lyrics
भक्त वत्सल कहें तुझको सभी की पीर हरता है।
नहीं पाखण्डी भाता है, भक्त के बस में रहता है।
पुकारा द्रोपदी ने जब चीर अपना बढाने को।
करिष्मा खूब दिखलाया दिखाने को जमाने को।
पुकारा गज ने जब तुझको लाज उसकी बचाई थी।
अहिल्या तार दी क्षण में चरण रज निज लगाई थी।
सुदामा मित्र अपने की प्रभूबिगाड़ी बनाई थी।
भक्त नरसी का हित करने स्वयंदाडी रखाई थी।
भक्त मीरा को तो तुमने गले से खुद लगाया था।
गणिका तार दी तुमने दु:ख उसका मिटाया था।
दया निधि जब ही कहलाओ दया हम पर करो थोड़ी।
नजर से नजर नहीं जोड़ो निगाह लेते हो तुम मोड़ी।
मैं भारी पातकी खल हूँ भँवर में नाव बनवारी।
महावीर लाज बच जाये सहारा दे दो गिरधारी।
Best Krishna Bhajan Lyrics
अरदास प्रभु तुमसे मेरी मुझे वृन्दावन वासी बना लेना।
पाहन कैसे भी बन जाऊँ चरणों की रज में शरण देना।।
पशु योनि में यदि मुझे जाना पड़े तो धेनु बना अपनी लेना।
नन्द बाबा के संग किलोल करूँ नित प्रति अपने दर्शन देना।।
चरती रहूँ निर्मल घास सदा जहाँ कालिन्दी कूल हमेश वहे।
सौभाग्य से मानुष बन जाऊँ तेरे चरणों में स्नेह रहे।।
अपना ही ग्वाल बना लेना तुमसे अरदास हमारी है।
मुरली की मधुरी तान सुनें जब वंशी बजे तुम्हारी है।।
ब्रज रज में ही मुझे जनम देना मेरे दिल में न कोई अंदेशा रहे।
अरदास प्रभो तुमसे मेरी तिहारे चरणों में प्रेम हमेशा रहे।।
यदि खग भी बनूँ तो हे प्रभो वृन्दावन धाम निराला मिले।
कालिन्दी तट पर निवास करूँ तेरे नाम का मुझे निवाला मिले।।
कदम्ब की डार किलोल करूँ मुझे भक्ति रूपी उजाला मिले।
चरणों की रज में सदा रखना ‘महावीर’ जैसा मतवाला मिले।।
Bal Krishna Bhajan Lyrics
तर्ज- आय जइयो श्याम-
यशुदा नन्दन मैं टेर रही, नैक वंशी तान सुनाइ जइयो।
तू मेरे अँगना आय जइयो।।
(1) मल-मल के तोय निल्हाय दूंगी।
तेरा शृंगार बनाय दूंगी।।
माखन मिश्री सजी रखी तू आके भोग लगाइ जइयो
तू मेरे अँगना आय जइयो।।
(2) तेरी भारी याद सताय रही।
दिन रात नींद नहीं आय रही।।
यशुदा मैया तोय टेर रही खाय माँटी उसे दिखायजइयो
तू मेरे अँगना आय जइयो।।
(3) वृन्दावन दीख रहा सूना।
गोपिन को दु:ख नित प्रति दूना।।
गउए याद करें तेरी मोहन चारा उन्हें खवाय जइयो
तू मेरे अँगना आय जइयो।।
दिन रात फिकर वाढी मोकूँ।
ग्वाला सब याद करें तोकूँ।।
लाज जाय रही महावीर की तू आके उसे बचाय जइयो
तू मेरे अँगना आय जइयो।।
Best Krishna Bhajan Lyrics in Hindi
मेरी सुन ले बात सँवरिया।
मत रोके मेरी डगरिया।।
(1) मोय दधि बेचन को जाना।
घर लौट के जल्दी आना।।
(2) मोको देर हो रही भारी।
आदत है बुरी तुम्हारी।।
(3) मसकरी तेरी मोय न भावै।
मुझको क्यों तू देर लगावै।।
(4) मैं समझा रही कान्हा तोको।
तू जान दे आगे मोको।।
(5) दधि होय खराब हमारौ।।
कहा बिगड़े श्याम तुम्हारो।।
(6) मोय आफत पड़े उठानी।
घर लड़ेगी मोते जिठानी।।
(7) तू दीख रहा भोरा सा।
दधि चाख मेरा थोड़ा सा।।
(8) तेरे मन की मैंने जानी।
तू कर रहा खेंचा तानी।।
(9) मोय दुःख पड़े अति सहना।
महावीर मान हमारा कहना।।
Krishna Bhajan Lyrics Dholak
तर्ज-राधा क्यों गोरी मैं क्यों काला
नैनन में बस गया मेरे नन्द लाला।
कैसे निकालूँ मुझसे जाय नहीं निकाला।
(1) सूरत कन्हैया तेरी मेरे मन बसी है।
कैसे भुलाऊँ ये मेरी परबसी है।
तुझे छोड़ने में मेरा निकले दिवाला।
कैसे निकालूँ मुझसे जाय नहीं निकाला।।
(2) सपने में भी तेरी याद सताये।
चोरी की बातें सारी हमको बताये।
छोड़ी न आदत पहली, मन का तू काला।
कैसे निकालूं मुझसे जाय नहीं निकाला।।
(3) बंशी की तान मेरे मन को लुभाती।
अधरन पर बैठी मेरे मन को चुभाती।।
बहियाँ पकड़ मुझको साथ में बिठाला।
कैसे निकालूँ मुझसे जाय नहीं निकाला।।
(4) आजा कन्हैया तुझे ढूँढ़त मैं डोली।
अनसन करूँगी दर पर समझो न भोली।
महावीर लुटा के सरबस बना मतवाला।
कैसे निकालूँ मुझसे जाय नहीं निकाला।।
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